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मिनिमम बैलेंस से SMS सर्विस तक, बैंकों ने ग्राहकों से वसूले ₹35000 करोड़

नई दिल्ली

भारत के बैंकों ने मिनिमम बैलेंस, एक्स्ट्रा एटीएम ट्रांजैक्शन और मैसेजिंग सर्विसेज के जरिए ग्राहकों से ₹35000 करोड़ जुटाए हैं। वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में यह जानकारी दी है। वित्त मंत्रालय के एक लिखित जवाब में सदन को बताया गया है कि सरकारी और 5 प्रमुख निजी बैंकों ने 35000 करोड़ रुपये से अधिक रुपये जमा किए हैं। इन निजी बैंकों में एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक शामिल हैं।

कितनी रकम, कहां से:  राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड ने सदन को बताया कि ग्राहकों के मिनिमम बैलेंस नहीं रखने की वजह से बैंक ₹21000 करोड़ जुटाने में कामयाब रहे। एक्स्ट्रा एटीएम ट्रांजैक्शन से ₹8000 करोड़ का योगदान और मैसेजिंग सर्विसेज से ₹6000 करोड़ जुटाए गए हैं।

बता दें कि अकाउंट में एवरेज मंथली बैलेंस (एएमबी) लोकेशन के हिसाब से अलग-अलग होती है। इसके तहत ग्राहकों को अपने अकाउंट में हर महीने एक निश्चित रकम रखने की जरूरत होती है। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो बैंक की ओर से जुर्माना लगाया जाएगा।

इसके अलावा बैंक अपने ग्राहकों को मैसेज अलर्ट भेजने के भी चार्ज लेते हैं। बैंकों द्वारा लगाए गए ये चार्ज हर बैंक के अलग-अलग होते हैं। एटीएम ट्रांजैक्शन की बात करें तो बैंक ग्राहक अपने स्वयं के बैंक एटीएम से हर महीने पांच फ्री लेनदेन के लिए पात्र हैं। इसी तरह, अन्य बैंकों के एटीएम से भी एक निश्चित ट्रांजैक्शन फ्री में की जा सकती है। इनके बाद प्रत्येक लेनदेन पर ₹21 का चार्ज लगता है।

 

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